ये हैं देश के सबसे कम उम्र के IPS अफसर, भूखे-प्यासे रातें गुजारकर हासिल की कामयाबी

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मेहनत, संघर्ष और मजबूत इरादा व्यक्ति को अपने जीवन में कभी ना कभी कामयाबी अवश्य दिलाता है, अगर व्यक्ति अपने मन में ठान ले तो वह नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकता है, वैसे देखा जाए तो आजकल के नौजवान अपना करियर बनाने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं, लेकिन हर किसी को अपनी मेहनत का नतीजा नहीं मिल पाता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि मेहनत रंग नहीं लाती है, आज हम आपको एक 22 साल के लड़के के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसकी मेहनत और मजबूत इरादे ने उसको कामयाबी दिलाई है और यह देश का सबसे कम उम्र का आईपीएस (IPS) ऑफिसर बना है।

आजकल के समय में हर युवा UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग में सफलता हासिल करके भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी या भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी बनने की चाहत रखता है, इस पद को प्राप्त करने के लिए नौजवान दिन रात मेहनत करते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे लड़के की जानकारी बताने वाले हैं जिसकी मेहनत रंग लाई है, यह कहानी साफिन हसन की है, जो कि देश के सबसे कम उम्र के आईपीएस ऑफिसर बने हैं, इनके बारे में जानकर आपको भी गर्व महसूस होने लगेगा, इनके आईपीएस अधिकारी बनने तक का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है।

आपको बता दें कि साफिन हसन ने 2017 की UPSC परीक्षा में 570 रैंक हासिल की थी और यह केवल 22 वर्ष की आयु में ही भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी यानी IPS officer बन गए, इन्होंने अपने जीवन में बहुत सी चुनौतियों का सामना किया है, इनको कई बार तो भूखा भी रहना पड़ा था, भूखे-प्यासे रातें गुजारने के बाद भी इनका हौसला कम नहीं हुआ और यह लगातार मेहनत करते रहे, इन्होंने अपने जीवन की सभी मुश्किलों को मात दी और आखिर में इन्होंने अपना लक्ष्य प्राप्त किया है, देश के सबसे कम उम्र के IPS officer बनकर यह जामनगर में नियुक्त हुए हैं, 23 दिसंबर से पुलिस अधिकारी के रूप में यह कार्यभार संभालने वाले हैं।

आपको बता दें कि साफिन हसन गुजरात के सूरत जिले के रहने वाले हैं और इनके माता-पिता हीरे की एक यूनिट में कार्य करते थे, एक समय जब प्राइमरी स्कूल में कलेक्टर आए थे तब सब उन्हें सम्मान दे रहे थे, उनको सम्मान देते हुए देखकर उस समय के दौरान साफिन हसन को काफी आश्चर्य हुआ था, तब साफिन ने इस बारे में अपनी मौसी से पूछा था तब उनकी मौसी ने बताया था कि कलेक्टर किसी जिले का राजा होता है, एक अच्छी पढ़ाई करने के बाद कलेक्टर बन सकते हैं, तब क्या था तभी से साफिन हसन ने कलेक्टर बनने का निश्चय कर लिया।

लेकिन उस समय के दौरान साफिन हसन के घर की स्थिति ठीक नहीं थी, उनके माता-पिता दिन-रात मजदूरी करके घर का गुजारा चलाते थे, इनके माता-पिता ईटें उठा कर अपने जीवन का निर्वाह करते थे, उसी समय काफी मंदी भी चल रही थी जिसके कारण इनके माता-पिता की नौकरी भी चली गई थी, नौकरी जाने की वजह से घर चलाना काफी मुश्किल हो गया था, लेकिन बच्चों की पढ़ाई के लिए इनके पिता ने घरों में इलेक्ट्रिशियन का काम किया और साथ-साथ रात में ठेला लगाकर उबले हुए अंडे और ब्लैक टी बेचने का काम किया था, इनकी माता घरों में रोटियां बनाने का कार्य किया करती थी, जब साफिन हसन ने अपने माता पिता के संघर्ष को देखा तो उनके मन में विचार आया कि एक ना एक दिन मेरे माता-पिता के संघर्ष का नतीजा अवश्य मिलेगा, साफिन हसन को बचपन से ही पढ़ने का बहुत ही शौक था, इसके साथ ही यह अन्य गतिविधियों में भी भाग लिया करते थे, इन्होंने प्राइमरी पढ़ाई सरकारी स्कूल में गुजराती मीडियम से पूरी की थी और इन्होंने दसवीं कक्षा में 92% अंक प्राप्त किए थे।

माता पिता के संघर्ष को देखकर उन्होंने सोच लिया था कि यह अपने जीवन में कुछ बड़ा कार्य करेंगे, हसन अपने हॉस्टल खर्च के लिए छुट्टियों में बच्चों को पढ़ाया करते थे जब यह UPSC का प्रयास कर रहे थे तब उनके साथ एक दुर्घटना हो गई थी जिसके बावजूद भी यह परीक्षा देने पहुंच गए थे, उसके पश्चात इनको हस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन आखिर में इनकी मेहनत रंग लाई और इनको कामयाबी मिल गई, यह देश के सबसे कम उम्र के आईपीएस अधिकारी बने।

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