इसे कहते हैं सच्ची दोस्ती! दोस्त की हालत देख स्कूल फ्रेंड्स ने घर कर दिया गिफ्ट

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समय के साथ साथ महंगाई बढ़ती जा रही है। महंगाई के इस जमाने में लोग अपने सपने साकार करने की कोशिश करते हैं परंतु उनको सफलता नहीं मिल पाती है। सभी लोगों का सपना होता है कि वह अपना घर बनायें परंतु घर बनाना इतना आसान नहीं है। क्या आप लोगों ने ऐसा कभी सुना है कि एक दोस्त ने दूसरे दोस्त को घर बनाकर उपहार के रूप में दिया है?

शायद आप यह बात दिमाग में भी नहीं ला सकते परंतु आज हम आपको तमिलनाडु के पुदुकोट्टई में रहने वाले मुत्थुकुमार और नगेंद्रन के दोस्ती की कहानी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। आप ऐसा समझ सकते हैं कि यह दोनों कलयुग के श्री कृष्ण और सुदामा हैं। जी हां, क्योंकि एक दोस्त ने अपने दूसरे दोस्त के हालात को देखते हुए नया घर गिफ्ट में दिया।

दोस्ती का रिश्ता खून से भी बढ़कर माना जाता है। वैसे एक सच्चा दोस्त मिलना इस दुनिया में इतना आसान नहीं है। कुछ एक ही किस्मत वाले लोग होते हैं जिनको सच्चा दोस्त मिल पाता है। एक सच्चा दोस्त हर सुख-दुख में मदद करता है। अगर एक दोस्त के ऊपर कोई परेशानी आती है तो उसकी सहायता के लिए दूसरा दोस्त हमेशा तैयार रहता है।

आपको बता दें कि कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन के कारण मुत्थुकुमार की नौकरी चली गई थी। लॉक डाउन से पहले यह रोजाना ₹15000 तक की कमाई कर लेते थे परंतु अब इनकी कमाई घटकर 1 से 2 हजार रह गई। इतने में घर का गुजारा चला पाना काफी मुश्किल है।

मुत्थुकुमार एक झोपड़ी में रहते हैं। तमिलनाडु में आए गाजा तूफान की वजह से उनके घर की छत उड़ गई थी और आसपास के पेड़ पौधे भी टूट कर गिर गए थे जिसके कारण मुत्थु कुमार एक झुग्गी में रहने के लिए मजबूर हो गए थे।

सितंबर के महीने में मुत्थुकुमार अपने एक स्कूल टीचर के पास गए थे जहां पर उनकी मुलाकात स्कूल के दोस्त नागेंद्रन से हुई थी। 30 सालों के बाद मिलकर मुत्थुकुमार बेहद खुश हुए और इन्होंने अपने घर पर आने के लिए नगेंद्रन को न्योता दे दिया। जब यह मुत्थुकुमार के घर पहुंचे तो उनके घर की हालत को देखकर यह काफी मायूस हो गए, बाद में नागेंद्र ने मुत्थुकुमार की सहायता करने की ठान ली।

उन्होंने स्कूल TECL हायर सेकेंडरी के दोस्तों के व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से फंड इकट्ठा किया और कुछ ही दिनों में 1.5 लाख रुपये इकट्ठे करके बिना किसी इंजीनियर की सहायता से घर का निर्माण करवा दिया।

दिवाली के अवसर पर नागेंद्रन और सभी दोस्तों ने मुत्थुकुमार को वह घर उपहार के रूप में दिया। नागेंद्रन का ऐसा कहना है कि “भले ही हम संपर्क में नहीं रहे लेकिन स्कूल के दोस्त हमेशा खास रहते हैं और हमें अपने दोस्तों की मुसीबत में सहायता जरूर करनी चाहिए।”

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